Monday 14 September 2020

मेरी याचना

 दे दे साथ अगर तू जिंदगी।

तो मुकम्मल जंहा ये होगा।।

तुझसे शिकवे गीले सब खाख होंगे।

बस ये इल्तिजा की मुझसे तू वफ़ा रख।।

मेरी कलम से

 हँसी है दुःखी है तो कहीं प्यार है, 

तो नाराजगी भी साथ है , 

कहीं मज़ाक है तो कहीं गुस्सा, 

तो लड़ाई तो कहीं प्यार वाली नोक झोंक भी, 

फिर भी सब साथ है 

कोई पास पास तो कोई दूर दूर.. 

क्यूँ, ये तो हक है जो बात खास है 

क्यूंकि हम सारे दोस्त है... 

 

ये नजर

खोजता रहा सुकून मैं दूर कहीं यिन खुले आँखों से

जब बंद हुयीं आंखे तो उसे तो मैं पास ही पाया.

ढूँढता रहा मैं खुशी कहीं और कहीं दूर

जब थक गया तो उसे अपने ही चारो ओर अपनों के बीच पाया.

ये नजर तो अपनी है पर दोष अक्सर इसके नजरिये की होती है जो चीज़ पास होती है उसे ही दूर कर देती है.

यादें

वक्त बेवक्त आती, वो पल अनमोल की 

हर वक़्त यादें।

मन को टटोलती, आंखों को भिगोती 

हर वक्त यादें।

दिल को बहलाती , खोये पल को फिर से बुलाती 

वक्त बेवक्त ये यादें।

गुजरे कल की किस्से कहती ये बोलती तश्वीरों से 

पल पल हर पल ये यादें।

जिसे चाहा जिसे जिया कौन रह पाया 

सिवाये  वक्त बेवक्त ये यादों के।

जीवन की कठोरता यादों की

मार्मिकता यही तो है नसीबों में ।

सुकून की तलाश

#सुकून_की_तलाश 
सुकून की तलाश मे
वो जो मेरी क्षमताओं और क़ाबिलियतों में निहित हो
ओ सुकून जो मेरी ऊर्जा शक्ति से पुष्पित हो
सुकून की तलाश में
ओ जो  मेरी असीम निर्मल इक्षाओं से निकली ज्वलंत हो
अपनों के आचल की छाँव में रह कर
अपनों की हर ख्वाहिश पूरा करने के लिए जीना
और खुद की वज़ूद को उड़ान देने की
वो सुकून जिसकी तलाश है अभी बाकी
हाँ मैं अभी अपनी क्षमताओं काबिलियतों वो ऊर्जा शक्ति वो निर्मल इक्षाओं को फिर से जगाने मे प्रयासरत हूं
हाँ मैं पूर्ण स्वस्थ होने की लालसा लिए जीवन से डटकर झुँझ रहा हूँ.
मुझे आशा और पूर्ण विश्वाश है  मुझे वो सुकून जरूर हासिल होगी,
जिसमें हर चीज़ निहित होगी खुद की पुरूषार्थ ऊपर वाले की चाहत और अपनों की दुआएँ.