"मेरी विचार "
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ऐसे कुछ लेने या पाने लिये कुछ ऐसा पात्र होना चाहिए कि हम उसे रख सके,
अगर हमारे पास ऐसा पात्र नहीं हो तो हम कोई भी चीज लेकर भी उसे ले नहीं पाएँगे , मतलब पात्र के अभावो में उसे रख नहीं पाएंगें।
ठीक इसी तरह हमारे और ईश्वर के संन्दर्भ में भी है.…
इश्वर हरदम हमे सबकुछ देने को तैयार है दुनिया कि हर चिज, पर हमारे पास उसे पाने के लिये उस प्रकार कि पात्रता हि नहीं है.……
इसलिए अगर हम आप और कोई भी ईश्वर से कुछ पाना चाहते हैं तो सर्व-प्रथम अपने आपको उसके लायक बनाये ,
अपने आपको ऐसा पात्र बनाए कि उस ईश्वर कि कृपा प्राप्त कर सके।
आज के समाज के लोगों मे यही दुर्भाग्य है कि लोग सिर्फ़ ईश्वर से माँगने तक हि आपने आप को सीमीत रख लिये हैं , जबकि ईश्वर पहले से ही देने को तैयार हैं।
लोगों को तो अपने को उस के लायक यानि खुद को वैसा पात्र बनाने पे धयान देन चहिये, ताकि उसकी दि हुई कृपा को पा सके रख सके ग्रहन कर सके।
और ऐसी पात्रता खुद को बनाने का आरम्भ अच्छी सोच , चरित्र निर्माण से शुरू होती है।
--------विमल चन्द्र
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